Sunday, June 26, 2016

गोलू देवता की सच्ची कहानी story of golu god of uttarakhand

गोलू देवता की कहानी  Story Of Golu God


जैसा की आप सभी जानते हो की, उत्तराखंड को देव भूमि के नाम से भी जाना जाता है , क्योकिं उत्तराखंड में कई देवी देवता वास करते है जो हमारे ईष्ट देवता भी कहलाते है जिसमे से एक है , गोलू देवता . तो में आज आप को अपने ईष्ट देवता (गोलू देवता ) की कहानी बताने जा रहा रहा हु , जो लोगकथित व लोगगाथा  पर आधारित है,

बहुत साल पहले ग्वालियर कोट चम्पावत में झालुराय का राज था। उनकी सात रानियां थी। राज्य में चारो और खुशहाली थी । राजा अपनी प्रजा का हर समय ध्यान रखता था । हर तरफ खुशहाली होते हुए  भी राज्य में एक कमी थी , वो कमी थी की राजा की सात रानियाँ होते हुए भी उनका कोई पुत्र नहीं था । इस वजह से राजा हर वक्त दुखी रहने लगा  । सोचने लगा की मेरा वंस आगे कैसे बढेगा , एक दिन राजा को लगा की राज्य ज्योतिष से परामर्श लिया जाये।  राजा परामर्श लेने के लिए ज्योतिष के पास गया।  और अपनी व्यथा सुनाई, राजा की बात सुन कर ज्योतिषी ने सुझाव दिया की आप भैर महाराज को प्रसन्न करें, आपको अवश्य ही सन्तानसुख प्राप्त होगा। ज्योतिषी की बात मानते हुए राजा ने भैरव पूजा का आयोजन किया 
गोलू देवता का मंदिर