Thursday, December 15, 2016

नये नोट और अफवाह

नये नोट और अफवाह

नये नोट और अफवाह

नोट बंदी के बाद नये नोट बाज़ार में आये और साथ में कोई सारी अफवाह भी उनके साथ आयी । जो सिर्फ लोगो को परेशान और बेवकूफ बनने के लिए फैलाई गई थी । भारत में जब भी कोई बदलाव होता है ,तो उससे जुड़ी अफवाह अवश्य फैलती है । जिस समय नोट बंदी हुई थी उसके दूसरे दिन ही एक अफवाह यह आयी की नमक महंगा होने वाला है, लोगो ने बिना सच्चाई जाने ही इस पर यकीन कर लिया और फिर क्या सब टूट पड़े दुकानों पर, बिना सच्चाई जाने ऐसा करना बेवकूफी है। तो आज की पोस्ट नये नोटो पर फैली अफवाह पर है , जिसमे नोट नोट से जुड़ी अफवाह की सचाई बताई जाएगी ।

नेनो टेक्नोलोजी GPS चिप :-

नोट बंदी के बाद सबसे पहले फैली ये अफवाह की नये 2000 के नोट में नेनो टेक्नोलोजी से बनी जीपीएस चिप लगी होगी जो नोट की loction treck करेगी । जिससे यह पता चलेगा की नोट अभी किस जगह पर है। ये तकनीक इसलिए बनाई गई थी ताकि नोट की जमाखोरी को रोका जा सके। पर ये सिर्फ अफवाह थी।  2000 के नोट में कही पर भी किसी भी प्रकार की नेनो जीपीएस चिप नही लगी है, ये बात भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा, और लोगो को नसीहत दी की ऐसी किसी भी अफवाह पर ध्यान न दे.



असली नोट की पहचान एक सॉफ्टवेयर से :-
नये नोट को लेकर अफवाह का बाजार गर्म रहा , नोट पर वीडियो प्ले हो तो समझो नोट असली है, इस तरह के 
अफवाह फ़ैलाने वालों पर रखी जा रही है । नजर, और उसे सजा भी भी हो सकती है । भारत में 500 और 1000 
के पुराने नोट बंद होने के बाद 500 और 1000 के नये नोट आ चुके है लेकिन कुछ लोग अभी तक इन्हें देख भी 
नही पाए है,
इस बात का फायदा उठाते हुए कुछ शातिर अपराधी लोगों ने आम जनता को ठगना शुरू कर दिया है ऐसे लोग 
स्कैन और प्रिंट करते तैयार किये गए नकली नोटों को चलाने की कोशिश कर रहे है, इसी के साथ ही कई और 
भी अफवाह फ़ैल रही है। 
एक एप  modi keynote के बारे में है, अफवाहों में कहा जा रहा है, की इस mobile एप के जरिययह जांचकी जा सकती है की 500 और 1000 के नये नोट असली है या नकली, जबकि ये एप सिर्फ मनोरंजन के लिए है,
लेकिन बहुत से लोग इस एप को यह कहकर प्रचारित करने में लगे हुए है कि इसके जरिये नोट की पहचान की जा सकती है,  और बाजार में यह अफवाह वायरल हो चुकी है , 
इस एप को ऐसे डेवलप किया गया है, की स्कैन होने पर जैसे ही नये नोट के कलर और डिजाईन नजर आते है तो एप पर modi की विडियो प्ले होने लगती है,  मगर ये एप नोट को असली या नकली बताने में सक्षम  नही है, सरकार द्वारा गुजारिश है की इस एप को करंसी चेक करने के लिए इस्तेमाल न करें,

नोट का आग में न जलना :-

नये नोट बारे में बहुत से लोग ये अफवाह  भी फैला रहे है की नया नोट आग में नही जलता, पर ये सिर्फ अफवाह मात्र में ऐसा कोई कागज नही जो आग में न जले , तो ऐसी अफवाह से दूर रहे किसी के झाशे में  आ कर अपने कीमती नोट को न जलाये ,
आप इस विडियो में देख सकते है की 2000 का नया नोट आग में जल सकते है, विडियो देखने के लिए यहाँ click करे ,click hare


रेडियो एक्टिव स्याही :-

इन दिनों सोशल मीडिया पर नोटों में रेडियोएक्टिव स्याही के इस्तेमाल होने की बात कही जा रही है।
कई सोशल मीडिया वेबसाइट्स पर और व्हाट्सएप पर इस तरह के मैसेज फॉरवर्ड किए जा रहे हैं जिनमें नोटों के पकड़े जाने की पीछे की वजह को उनमें इस्तेमाल स्याही को बताया जा रहा है। इन मैसेजेस में बाकायदा तर्क दिया गया है कि नोटों में प्रिंटिंग के समय फॉस्फोरस के रेडियोएक्टिव आइसोटोप का इस्तेमाल किया जा रहा है। जिसमें 15 प्रोटॉन और 17 न्यूट्रॉन होते हैं। यह रेडियोएक्टिव वार्निंग टेप की तरह प्रयोग होता है। इस तरह एक ही जगह पर अगर बहुत अधिक मात्रा में नोट होते हैं तो रेडियोएक्टिव मेटर इंडीकेटर से इसका पता चल जाता है। इसी से ऐसे लोग जांच समितियों के रडार की पकड़ में आ रहे हैं। 
गौरतलब है कि रेडियोएक्टिव पदार्थ से अल्फा, बीटा और गामा कण निकलते हैं, जो शरीर के लिए बेहद हानिकारक होते हैं इस वजह से त्वचा का कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियां होने का खतरा रहता है। लेकिन इन मैसेज में साफ तौर पर कहा गया है कि यह ऐसा रेडियोएक्टिव पदार्थ है जिससे शरीर कोई नुकसान नहीं होता है। हालांकि रेडियो एक्टिव तत्व की एक विशेषता होती है कि वह एक निश्चित समय में अपनी मूल मात्रा का आधा रह जाता है इसे अर्धआयु  (T1/2) कहते हैं। हम एक बार फिर आपको बता देना चाहते हैं कि ये पूरी तरह से अफवाह है। ये हमारी जांच एजेंसियों की सतर्कता का नतीजा है जो इतनी बड़ी मात्रा में नोटों की तस्करी को रोका जा रहा है।




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Tuesday, November 22, 2016

नये नोट की पहचान नकली या असली

500 और 2000 के लिए नोट की पहचान 

नये नोट 500 और 2000 के

8 अक्तूबर  माननीय नरेन्द्र मोदी ने घोषणा की , की मध्यरात्री से 500 और 1000 के नोट मान्य नही होंगे, ये घोषणा होते ही पुरे भारत में हडकंप मच गया । पर ये फेसला मोदी द्वारा बहुत सोच समझ के लिया गया थे, जिसके कई फायेदे है। नोट बदने का सबसे बड़ा करना था , जो देश में काला धन है उसे बाहर निकलना। 500 और 1000 की जगह नये नोट जारी की गये जिसमे 500 और 2000 के नोट शामिल है, भले ही नोट बंदी नकली नोट और काले धन  को रोकने के लिए किया गया था । 
नये नोट आने के बाद उनकी सही पहचान करना बहुत जरुरी है । कियोंकि नये नोट के बारे में शायद बहुत कम लोगो को पता है की नये नोट की पहचान कैसे की जाये । आज की पोस्ट इसी से सम्बन्धित है, की नये नोट 500 और 2000 की पहचान कैसे की जाये ।




भारत के केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बताया है कि 500 रुपये और 2000 रुपये के नए जारी किए गए नोट कैसे होंगे.

2000 नोट का size :-

देखा जाये तो 2000 के नोट का size काफी छोटा है । 2000 के नोट का आकार 66 mm x 166 mm है, जिससे एक फायदा तो ये होगा की ये पर्स में आसानी से आ जायेगा , पहले जो 500 और 1000 के उनका आकार बड़ा था जो आसानी से पर्स में नही आ पाते थे, तो नये नोट 2000 का सबसे अच्छा फायदा ये है की अब इसे आसानी से पर्स में डाल सकते है

रंग:-

नोट स्लेटी रंग का होगा. और नोट के पिछले हिस्से पर खास तौर से लालकिले की तस्वीर रहेगी.
हालांकि सरकार 2000 रुपये के नोट पहली बार जारी कर रही है. इसे भी महात्मा गांधी सिरीज के तहत रखा गया है.
2000 रुपये के नोट के पिछले हिस्से में मंगलयान की छवि रहेगी. 2000 रुपये के नोट गहरे गुलाबी रंग के होंगे.



  • नोट पर गुप्त रूप से '2000' छपा होगा
  • देवनागरी लिपि में '2000' लिखा रहेगा
  • नोट के केंद्र में महात्मा गांधी की तस्वीर
  • नोट के बाएं तरफ सूक्ष्म अक्षरों में RBI और 2000 लिखा होगा
  • बारीक सुरक्षा धागा जिस पर भारत, RBI और 2000 छपा रहेगा. तिरछा करके देखने पर रंग हरा से नीला होगा.
  • बायीं तरफ गवर्नर के दस्तखत, उनका वादानामा और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का प्रतीक.
  • नंबर पैनल पर नोट के नंबर छोटे से बड़े होते आकार में छपे होंगे. यह बायीं तरफ ऊपरी हिस्से में और दाहिनी तरफ निचले हिस्से में छपा होगा.
  • नोट के दाहिनी तरफ अशोक स्तंभ का प्रतीक.
नोट के पिछले तरफ
  • नोट के मुद्रण का वर्ष
  • स्वच्छ भारत का लोगो इसके नारे के साथ.
  • अलग-अलग भाषाओं में दो हजार रुपये
  • मंगलयान की तस्वीर

नये नोट आने के बाद ये बात भी सामने आई थी की 2000 के नोट में अक खास किस्म की चिप लगी होगी , पर नोट में किसी भी प्रकार की कोई भी चिप नही लगी है ये बस अक अफवाह थी,

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Sunday, November 13, 2016

14 नवम्बर बाल दिवस (नेहरु जी )

बाल दिवस(नेहरु जी)

बाल दिवस मुख्य रूप से नेहरु जी के जन्म दिन के उपलक्ष में मनाया जाता है, उसका कारण यह है की नेहरु जी बच्चो बहुत प्यार करते थे, इस लिए नेहरु जी के जयंती को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता l नेहरु जी का पूरा नाम प. जवाहर लाल नेहरु है. नेहरु जी को बच्चे प्यार से चाचा नेहरु बोला करते थे, तो चलो उनके जीवन के बारे में जानते है l

जन्म

नेहरु जी का जन्म इलाहाबाद में 14 नवम्बर 1889 को हुआ l नेहरु कश्मीरी ब्राह्मण परिवार के थे , जो विद्वत्ता और अपनी प्रशासनिक क्षमताओं के लिए विख्यात थे और जो 18 वींशताव्दी के आरंभ में इलाहबाद आ गये थे l नेहरु जी के पिता का नाम पं. मोतीलाल नेहरु और माता का नाम श्रीमती स्वरूप रानी था l वे अपने माता पिता के अकलोते पित्र थे उसके अलावा उनकी दो बहने थी l और नेहरु जी सबसे बड़े थे l उनकी बहन विजयलक्ष्मी पंडित बाद में संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली महिला अध्यक्ष बनीं l

शिक्षा

नेहरु जी प्रारम्भिक शिक्षा घर पर ही हुई l जैसे की नेहरु जी धनी परिवार से थे तो उनके लिए किसी चीज की कोई कमी नही थी l 14 वर्ष तक नेहरु जी की शिक्षा उनके घर पर कई अंग्रेजी अध्यापकों और शिक्षकों के द्वारा हुई l इनमें से सिर्फ एक, फर्डिनैंड ब्रुक्स का, जो आधे आयरिश और आधे बेल्जियन अध्यात्मज्ञानी थे, उन का प्रभाव पड़ा l नहेरु जी के एक ऐसे शिक्षक थे जो उन्हें हिंदी और संस्कृत पढ़ाते थे, 15 वर्ष की उम्र में 1905 में नेहरु को अक अग्रणी अंग्रेजी विद्यालय हैरो स्कूल में भेजा गया , जो इंग्लेंड में है l वह उन्होंने 2 वर्ष पढाई की, और उसके बाद वह केंब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज गये, प्रकृति विज्ञान में स्नातक उपाधि उन्होंने इसी स्कूल से प्राप्त की, उनके विषय रसायनशास्त्र, भूगर्भ विधा और वनस्पति शास्त्र थे l उसके बाद लंदनके इनर टेंपल में दो वर्ष बिताकर उन्होंने वकालत की पढाई शुरु की l 

परिवार 

अपनी वकालत की पढाई पूरी करने के बाद वे भारत लौटे और चार साल बाद मार्च 1916 में नेहरु जी का विवाह कमला कौल के साथ हुआ, जो दिल्ली में बसे कश्मीरी परिवार की थी l 1917 में उनकी एक पुत्री हुई जिसका नाम इंदिरा प्रियदर्शिनी पड़ा, जो उनकी इकलोती सन्तान थी,  इंदिरा प्रियदर्शिनी के विवाह के बाद नाम इंदिरा गाँधी हुआ , जो भारत की प्रधानमंत्री बनीं l 

वकील के रूप में 

1912 ई. में वे बैरिस्टर बने और उसी वर्ष भारत लौटकर उन्होंने इलाहाबाद में वकालत प्रारम्भ की। वकालत में उनकी विशेष रुचि न थी और शीघ्र ही वे भारतीय राजनीति में भाग लेने लगे। 1912 ई. में उन्होंने बाँकीपुर (बिहार) में होने वाले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया। भारत लौटने के बाद नेहरू ने पहले वकील के रूप में स्थापित होने का प्रयास किया लेकिन अपने पिता के विपरीत उनकी इस पेशे में कोई ख़ास रुची नहीं थी और उन्हें वकालत और वकीलों का साथ, दोनों ही नापसंद थे। उस समय वह अपनी पीढ़ी के कई अन्य लोगों की भांति भीतर से एक ऐसे राष्ट्रवादी थे l 

राजनीत में कदम 

भारत लौटने के बाद नेहरू ने पहले वकील के रूप में स्थापित होने का प्रयास किया लेकिन अपने पिता के विपरीत उनकी इस पेशे में कोई ख़ास रुची नहीं थी और उन्हें वकालत और वकीलों का साथ, दोनों ही नापसंद थे। उस समय वह अपनी पीढ़ी के कई अन्य लोगों की भांति भीतर से एक ऐसे राष्ट्रवादी थे, जो अपने देश की आज़ादी के लिए बेताब हो, लेकिन अपने अधिकांश समकालीनों की तरह उसे हासिल करने की ठोस योजनाएं न बना पाया हो।
1916 ई. के लखनऊ अधिवेशन में वे सर्वप्रथम महात्मा गाँधी के सम्पर्क में आये। गांधी उनसे 20 साल बड़े थे। दोनों में से किसी ने भी आरंभ में एक-दूसरे को बहुत प्रभावित नहीं किया। बहरहाल, 1929 में कांग्रेस के ऐतिहासिक लाहौर अधिवेशन का अध्यक्ष चुने जाने तक नेहरू भारतीय राजनीति में अग्रणी भूमिका में नहीं आ पाए थे। इस अधिवेशन में भारत के राजनीतिक लक्ष्य के रूप में संपूर्ण स्वराज्य की घोषणा की गई। उससे पहले मुख्य लक्ष्य औपनिवेशिक स्थिति की माँग था। नेहरू जी के शब्दों में:-

कुटिलता की नीति अन्त में चलकर फ़ायदेमन्द नहीं होती। हो सकता है कि अस्थायी तौर पर इससे कुछ फ़ायदा हो जाए। अगर हम इस देश की ग़रीबी को दूर करेंगे, तो क़ानूनों से नहीं, शोरगुल मचाके नहीं, शिकायत करके नहीं, बल्कि मेहनत करके। एक-एक आदमी बूढ़ा और छोटा, मर्द , औरत और बच्चा मेहनत करेगा। हमारे सामने आराम नहीं है।
नेहरू की आत्मकथा से भारतीय राजनीति में उनकी गहरी रुचि का पता चलता है। उन्हीं दिनों अपने पिता को लिखे गए पत्रों से भारत की स्वतंत्रता में उन दोनों की समान रुचि दिखाई देती है। लेकिन गांधी से मुलाक़ात होने तक पिता और पुत्र में स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए निश्चित योजनाओं का विकास नहीं हुआ था। गांधी ने उन्हें राजनीति में अपना अनुयायी बना लिया। गांधी द्वारा कर्म पर बल दिए जाने के गुण से वह दोनों प्रभावित हुए। महात्मा गांधी का तर्क था कि ग़लती की सिर्फ़ निंदा ही नहीं, बल्कि प्रतिरोध भी किया जाना चाहिए। इससे पहले नेहरू और उनके पिता समकालीन भारतीय राजनीतिज्ञों का तिरस्कार करते थे, जिनका राष्ट्रवाद, कुछ अपवादों को छोड़कर लंबे भाषणों और प्रस्तावों तक सीमित था। गांधी द्वारा ग्रेट ब्रिटेन के ख़िलाफ़ बिना भय या घृणा के लड़ने पर ज़ोर देने से भी जवाहरलाल बहुत प्रभावित हुए।



जेल की यात्रा

कांग्रेस पार्टी के साथ नेहरू का जुड़ाव 1919 में प्रथम विश्व युद्ध के तुरंत बाद आरंभ हुआ। इस काल में राष्ट्रवादी गतिविधियों की लहर ज़ोरों पर थी और अप्रैल 1919 को अमृतसर के नरसंहार के रूप में सरकारी दमन खुलकर सामने आया; स्थानीय ब्रिटिश सेना कमांडर ने अपनी टुकड़ियों को निहत्थे भारतीयों की एक सभा पर गोली चलाने का हुक्म दिया, जिसमें 379 लोग मारे गये और कम से कम 1,200 घायल हुए। नेहरू जी के शब्दों में:-
भारत की सेवा का अर्थ, करोड़ों पीड़ितों की सेवा है। इसका अर्थ दरिद्रता और अज्ञान, और अवसर की विषमता का अन्त करना है। हमारी पीढ़ी के सबसे बड़े आदमी की यह आकांक्षा रही है-कि प्रत्येक आँख के प्रत्येक आँसू को पोंछ दिया जाए। ऐसा करना हमारी शक्ति से बाहर हो सकता है, लेकिन जब तक आँसू हैं और पीड़ा है, तब तक हमारा काम पूरा नहीं होगा।


प्रधानमंत्री के रूप में उपलब्धियाँ

1929 में जब लाहौर अधिवेशन में गांधी ने नेहरू को अध्यक्ष पद के लिए चुना था, तब से 35 वर्षों तक- 1964 में प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए मृत्यु तक, 1962 में चीन से हारने के बावजूद, नेहरू अपने देशवासियों के आदर्श बने रहे। राजनीति के प्रति उनका धर्मनिरपेक्ष रवैया गांधी के धार्मिक और पारंपरिक दृष्टिकोण से भिन्न था। गांधी के विचारों ने उनके जीवनकाल में भारतीय राजनीति को भ्रामक रूप से एक धार्मिक स्वरूप दे दिया था। गांधी धार्मिक रुढ़िवादी प्रतीत होते थे, किन्तु वस्तुतः वह सामाजिक उदारवादी थे, जो हिन्दू धर्म को धर्मनिरपेक्ष बनाने की चेष्ठा कर रहे थे। गांधी और नेहरू के बीच असली विरोध धर्म के प्रति उनके रवैये के कारण नहीं, बल्कि सभ्यता के प्रति रवैये के कारण था। जहाँ नेहरु लगातार आधुनिक संदर्भ में बात करते थे। वहीं गांधी प्राचीन भारत के गौरव पर बल देते थे। 

मृत्यु

चीन  के साथ संघर्ष के कुछ ही समय बाद नेहरू के स्वास्थ्य में गिरावट के लक्षण दिखाई देने लगे। उन्हें 1963 में दिल का हल्का दौरा पड़ा, जनवरी 1964 में उन्हें और दुर्बल बना देने वाला दौरा पड़ा। कुछ ही महीनों के बाद तीसरे दौरे में 27 मई 1964 में उनकी मृत्यु हो गई।



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Sunday, November 6, 2016

विश्व रिकॉर्ड ऊंचाई पर लगाया gps

ऊचाई पर जीपीएस का रिकार्ड 
baatein duniya ki
नासा के मैग्नेटोस्फेरिक मल्टीस्केल  मिशन ने एक GPS सिग्नल को  सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थापित कर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है यह जीपीएस  सिग्नल पृथ्वी की सतह से 70000 किलोमीटर की ऊंचाई स्थापित किया है,

Monday, October 10, 2016

sinout account any device ( अपने account को किसी भी device से logout करे.)

Account को अन्य devies से logout कैसे करें

sinout account any device
आज इन्टरनेट पर बहुत प्रकार के account मोजूद है जहाँ हम रोजाना login और logout करते है । पर कभी – कभी ऐसा होता है, हम किसी सायबर कैफ़े में जाते है और अपना account login करते है , but उसे logout करना भूल जाते है। ऐसे में आप को अपने अकाउंट का password change करता है। आज की जो पोस्ट है वो इसी सम्बन्ध में है, की अपने account को बिना password change किये किसी अन्य devies से कैसे logout करे। जैसे आप जानते ही की इन्टरनेट पर बहुत से सोशल नेटवर्क है facebook , ट्विटर, gmail, yahoo, आदि , तो में आप को ये बताऊंगा की इन सब account को किसी और devies से logout कैसे करे.

facebook 

facebook दुनिया की सबसे पोपुलर सोशल नेटवर्क wapside है, जिसे दुनिया के सबसे आधिक लोग use करते है. तो यदि आप facebook को sinout करना भूल गए हो चिंता की कोई बात नही है आप किसी अन्य devies जैसे mobile या कंप्यूटर पर अपना account login करे और निचे दिए गए निर्देशों का पालन करे. आप आसानी से अपना account logout कर लोगो अब आप को बार बार अपना password change करने की जरुरत नही है. ।
·         सबसे पहले अपने facebook account के setting& Priveacy पर click करें.
·         अब आप को security वाले option पर click करना है.
·         security के अन्दर आप को Where you’re logged in का option मिलेगा उस पर click करें.
·         आप के window पर आप ने जहा जहा अपना facebook account लोग इन किया है उसकी details  देखेंगे बस आप को उन को select कर के remove selected पर click करना है,


आप ने कही भी अपना facebook account लोग किया था अब वो logout हो गया है तो दोस्तों ये ट्रिक थी बिना password change किये facebook account को लोग आउट करना.

Gmail

gmail एक google की ईमेल serives है, जिसके जरिये हम ईमेल कर सकते है, दुनिया के ज्यादातर लोग ईमेल के लिए gmail use करते है l तो यदि आप account किसी devies में login रह जाता है, तो आप उसे किसी other devies से logout कैसे करेंगे, तो simple है,

·         सबसे पहले आप को अपना gmail account login करना होगा ,
·         अब सबसे निचे जायेगे और last account activity details पर click करेंगे.

sinout account

जैसे पिक में दिखाया गया है . उसके बाद एक  नई window खुलेगी. उसमे ऊपर की तरफ sign out all other web sessions लिखा होगा उस पर आप को click करना है. click करते ही आप का gmail account जहाँ जहाँ login होगा वो लोग आउट हो जायेगा .

अन्य account की जानकारी कुछ समय बाद आप के सामने प्रसुत करूँगा ,


आप को यह पोस्ट कैसी लगी कोमेंट के माध्यम से जरुर बताये , और यदि आप को जानकरी अची लगी तो अपने दोस्तों के साथ share करे और यदि किसी भी प्रकार का सवाल है इस पोस्ट या ब्लॉग से सम्बंधित तो आप कमेन्ट के जरिये कह सकते है.

Thursday, September 22, 2016

online typing speed check kare

टाइपिंग टेस्ट 
हैलो दोस्तो बातें दुनिया की ब्लोग में आप का स्वागत हैं दोस्तो आज में आप के लिए typing से सम्बन्धित पोस्ट लाया हूँ जिसके जरीये आप अपनी typing seed को chack कर सकते है वो भी online,  internet आज के समय में हर एक जानकरी उपलब्ध हैं आम तोर पर typing speed typing master नाम के software पर करते हैं . आज online typing chack की wabside के बारे में जानते हैं.

10 Fastfingers

10 fastfingers wabside टाइपिंग टेस्ट के लिए सबसे अच्छी wab side है . जहा आप अपनी टाइपिंग स्पीड चैक कर सकते हो और साथ ही ये वेबसाइड आप की टाइपिंग स्पीड की तुलना इस वेबसाइड पर 24 घंटे में किये गए सभी यूसर के साथ करता है। 10 Fastfingers साइड में टाइपिंग टाइम 1 मिनट होता है . जो परफेक्ट टाइम है. ये वेबसाइड easy and useful है दुनिया में इस वेबसाइड को सबसे जाएदा पसंद किया जाता है .इस वेब साइड पर जाने के लिए यहाँ 10 Fastfingers .

Speed Typing Online

typing tast की दूसरी वेब साइड है . स्पीड टाइपिंग ऑनलाइन best टाइपिंग wabside है जिससे से आप आसानी से अपनी टाइपिंग सीड chack कर सकते है



The Typing Cut click here

typing cut बहुत ही बढ़िया wapside है इसे जब open करोगे तो कंप्यूटर की तरह window खिलेगी इसमें टाइपिंग स्पीड chack करने के साथ साथ आप टाइपिंग स्पीड बड़ा सकते इस wabside का जो tamplet भी awosam है यदि आप टाइपिंग के लिए इस wapside को chouse करते हो  तो यकीनन आप को टाइपिंग करने में मजा आएगा, ये बाकि wapside से इस लिये अलग है कियोंकि टाइपिंग करते समय इसमें साउंड भी आता है , तो इस wapside पर विजिट कीजिये और मजे लीजिये टाइपिंग के। 

बाकि wapside की लिस्ट नीचे है -





ये पोस्ट आप को कैसी लगी कमेंट के जरिये जरुर बताये और साथ ही अपने दोस्त के साथ shere करे , यदि कोई सवाल के इस पोस्ट या इस ब्लॉग से संबधित तो तो कमेंट करके पूछ सकते हो , और यदि कोई राय है आप के पास तो आप मुझे email के जरिये की कह्स्कते है मेरी ईमेल id है bhupalbhakuni200@gmail.com

thanks for visiting here


Wednesday, August 31, 2016

How to create Paytm account and reachage (Paytm अकाउंट कैसे बनाये और rechage कैसे करे.)

Paytm
टेक्नोलोजी ने आज हमे हर एक सुविधा हमारे हाथो में दे दी है।  चाहे किसी से बात करनी हो या किसी को sms ।यदि आप कोई जानकारी कही दूर भेजनी हो, तो आज के समय में आप घर बठे ही वह जानकारी कुछ ही मिनट में कही भी भेज सकते हो । तो आज में आप  को बताऊंगा की Paytm account कैसे बनाते है। और Recharge कैसे करते है , शायद बहुत से लोगो को पता होगा , But बहुत लोगो को पता नही होता जो हाल ही में इन्टरनेट का use  कर रहे है . भारत में कुछ स्थानों पर इन्टरनेट की सुविधा हाल ही में पहुची है , तो ये जानकारी उन लोगो के लिए बहुत मदतकार शाबित होगी ।

Monday, July 25, 2016

पानी के कुछ रोचक तथ्य


पानी दो अणु से मिल कर बना है ,  H2O जिसमें हैड्रोजन के दो अणु और ओक्सीजन के अणु होतें है।  जो सभी प्राणियों के जीवन का आधार हैं।  पानी ब्रह्मांड की सबसे अनमोल वस्तु है।  यदि पानी न हो तो जीवन की कल्पना करना भी मुश्किल है , एक  वयस्क पुरुष के शरीर में पानी उसके शरीर के कुल भार का लगभग 65 प्रतिशत और एक वयस्क स्त्री शरीर में उसके शरीर के कुल भार का लगभग 52 प्रतिशत तक होता है। 



Sunday, July 17, 2016

प्रथ्वी पर गिर सकता है चीन का अंतरिक्ष स्टेशन


चीन का अंतरिक्षस्टेशन ख़राब हो चुका है। और चीन ने पूरी तरह से उस पर अपना नियंत्रण खो  दिया है। चीन का अंतरिक्ष स्टेशन चिआनगोंग-१ अंतरिक्ष में साल २०११ में भेजा गया था।

Saturday, July 16, 2016

हरेला uttatakhand का एक कृषि आधारित त्यौहार



हरेला, हर्याल या हरायाब त्यौहार -

harela
उत्तराखंड में विविध त्योहार मनाये जाते हैं। हर पर्व की कुछ न कुछ विशेषता होती है। यहाँ सौर मास और चन्द्र मास दोनों के ही अंतर्गत कई त्योहार होते हैं। पारिवारिक, धार्मिक, सामाजिक उत्सवों और पर्वों से भरा पूरा है यहाँ के लोगों का जीवन। कुछ त्योहार ऋतु परिवर्तन के सूचक हैं तो कुछ कृषि आधारित। जब फसले बोई या काटी जाती है, उस समय कुछ त्यौहार यहाँ विशेष तौर पर मनाये जाते हैं जो अन्यत्र नहीं मनाये जाते। ऐसा ही एक अति महत्त्वपूर्ण त्यौहार है - हरेला, हर्याल या हरयाव।

Sunday, June 26, 2016

गोलू देवता की सच्ची कहानी story of golu god of uttarakhand

गोलू देवता की कहानी  Story Of Golu God


जैसा की आप सभी जानते हो की, उत्तराखंड को देव भूमि के नाम से भी जाना जाता है , क्योकिं उत्तराखंड में कई देवी देवता वास करते है जो हमारे ईष्ट देवता भी कहलाते है जिसमे से एक है , गोलू देवता . तो में आज आप को अपने ईष्ट देवता (गोलू देवता ) की कहानी बताने जा रहा रहा हु , जो लोगकथित व लोगगाथा  पर आधारित है,

बहुत साल पहले ग्वालियर कोट चम्पावत में झालुराय का राज था। उनकी सात रानियां थी। राज्य में चारो और खुशहाली थी । राजा अपनी प्रजा का हर समय ध्यान रखता था । हर तरफ खुशहाली होते हुए  भी राज्य में एक कमी थी , वो कमी थी की राजा की सात रानियाँ होते हुए भी उनका कोई पुत्र नहीं था । इस वजह से राजा हर वक्त दुखी रहने लगा  । सोचने लगा की मेरा वंस आगे कैसे बढेगा , एक दिन राजा को लगा की राज्य ज्योतिष से परामर्श लिया जाये।  राजा परामर्श लेने के लिए ज्योतिष के पास गया।  और अपनी व्यथा सुनाई, राजा की बात सुन कर ज्योतिषी ने सुझाव दिया की आप भैर महाराज को प्रसन्न करें, आपको अवश्य ही सन्तानसुख प्राप्त होगा। ज्योतिषी की बात मानते हुए राजा ने भैरव पूजा का आयोजन किया 
गोलू देवता का मंदिर

Thursday, May 26, 2016

how to facebook auto like in hindi (फेसबुक में पोस्ट व फोटो पर लाईक बढाये.)

Hello Friend baatein duniya ki blog पर आप का स्वागत हैं


आज की post facebook से relative हैं.जिसमें यह बताया जायेगा कि facebook की post और photos पर like  कैसे बढ़ाये जाये.

यह post उन लोगो के लिए  हैं जो अपनी पोस्ट पर अधिक से अधिक like देखना चाहते हो. या आप ये दिखाना चाहते हो कि देखो मेरी pic पर 1000 like या 10000 like हैं आप चाहो तो कितने भी like कर सकते हो.

How to unlimited like in facebook post and pic


Tuesday, May 10, 2016

दुनिया की ऊँची इमारत Duniya ki Unchi Imarat

दुनिया की कुछ ऊँची इमारतें

किंगडम टावर :-

  क्या आप को पता है दुनिया की सबसे ऊची इमारत को सी है?. शायद पता हो.
दुनिया की सबसे ऊंची इमारत दुबई की बुर्ज खलीफा है जिसकी ऊंचाई तकरीबन 828मी. है . जो दुनिया की गगनचुंबी इमारत में पहले नंबर पर आती है.
पर जल्द ही सबसे ऊची इमारत का ताज बुर्ज खलीफा से छीन जायेगा . दुबई में एक एेसी इमारत बनने वाली हैं जिसकी ऊचाई 1000मी. होगी. जो बुर्ज खलीफा से 172मी. ऊची होगी. इस विशाल इमारत का नाम किंगडम टावर(kingdam Tower) हैं
Kingdam tower

Tuesday, April 12, 2016

Earth day अपने घर को बचाने का एक प्रयास

     पृथ्वी जो हमारा घर है यह हमारे सौरमंडल में इकलौता एक ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन है पृथ्वी पर जीवन लाखो सालों से है और मानव कुछ हजार साल पहले ही पृथ्वी पर आया है सभी जीवो में मानव ही सिर्फ एक ऐसा जीव था जिसमें तीव्र बुद्धी है उसने अपनी सोच से नए-नए आविष्कार किए अपने जीवन को सरल बनाया और घर बनाए और अपनी सुविधा के अनुसार हर वह चीज बनाई जो आरामदायक हो और उसे अपने काम करने में कोई परेशानी ना हो पर वह यह बात भूल गया कि इन चीजों के निर्माण के लिए जो वस्तु उपयोग कर रहा है इसके कारण पृथ्वी के पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है

Thursday, March 31, 2016

हीरा सिंह राणा

heera singh rana singer of kumaoni song
heera singh rana
उत्तराँखण्ड के प्रमुख गायक कलाकारो में पहल नाम आता है हीरा सिंह राणा जी का जिन्हे लोग (हीरदा कुमाऊनी) भी कहते है उनकी माताजी: स्व : नारंगी देवी पिताजी: स्व : मोहन सिंह जन्मतिथि : 16 सितम्बर 1942
जन्म स्थान : मानिला (डढ़ोली)
पैत्रिक गाँव : डढ़ोली
जिला : अल्मोड़ा
पत्नी : श्रीमती विमला राणा
बच्चे : 1 पुत्र
वर्तमान पता : C -192 गली न: 4, वेस्ट विनोद नगर, दिल्ली – 110051
शिक्षा : प्राथमिक – प्राइमरी स्कूल, मानिला
हाईस्कूल – मानिला
हायर सेकेन्ड्री- दिल्ली
जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ : सेल्समैन की नौकरी छोड़कर संगीत की स्कालरशिप लेकर कलकत्ता गए | नौकरी छूटी पर संगीत के संसार में पहुँच गए | १९६५ में गीत नाटक प्रभाग में रहे |

Wednesday, March 23, 2016

होली special

होली पर जरूर जानें, इन  रंगों का महत्व
होली पर रंगों का इस्तेमाल केवल मस्ती या मजे के लिए ही नहीं किया जाता, बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही धार्मिक, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से भी इन रंगों का विशेष महत्व है। जानिए इन रंगों का महत्व -

Wednesday, March 2, 2016

चीन की विशाल दीवार

tha great Wall of china दोस्तो इसका नाम तो आप सभी ने सुना होगा .
the great wall of china
चीन की विशाल दीवार मिट्टी और पत्थर से बनी एक किलेनुमा दीवार है जिसे चीन के विभिन्न शासको के द्वारा उत्तरी हमलावरों से रक्षा के लिए पाँचवीं शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर सोलहवी शताब्दी तक बनवाया गया। इसकी विशालता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की इस मानव निर्मित ढांचे को अन्तरिक्ष से भी देखा जा सकता है।
यह दीवार ६,४०० किलोमीटर (१०,००० ली, चीनी लंबाई मापन इकाई) के क्षेत्र में फैली है। इसका विस्तार पूर्व में शानहाइगुआन से पश्चिम में लोप नुर तक है और कुल लंबाई लगभग ६७०० कि॰मी॰ (४१६० मील) है। हालांकि पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के हाल के सर्वेक्षण के अनुसार समग्र महान दीवार, अपनी सभी शाखाओं सहित 8,851.8 किमी (5,500.3 मील) तक फैली है। अपने उत्कर्ष पर मिंग वंश की सुरक्षा हेतु दस लाख से अधिक लोग नियुक्त थे। यह अनुमानित है, कि इस महान दीवार निर्माण परियोजना में लगभग २० से ३० लाख लोगों ने अपना जीवन लगा दिया था।

चीन में राज्य की रक्षा करने के लिए दीवार बनाने की शुरुआत हुई आठवीं शताब्दी ईसापूर्व में जिस समय कुई (अंग्रेजी :Qi), यान (अंग्रेजी :Yan) और जाहो (अंग्रेजी :Zhao) राज्यों ने तीर एवं तलवारों के आक्रमण से बचने के लिए मिटटी और कंकड़ को सांचे में दबा कर बनाई गयी ईटों से दीवार का निर्माण किया। ईसा से २२१ वर्ष पूर्व चीन किन (अंग्रेजी :Qin) साम्राज्य के अनतर्गत आ गया। इस साम्राज्य ने सभी छोटे राज्यों को एक करके एक अखंड चीन की रचना की। किन साम्राज्य से शासको ने पूर्व में बनायी हुई विभिन्न दीवारों को एक कर दिया जो की चीन की उत्तरी सीमा बनी। पांचवीं शताब्दी से बहुत बाद तक ढेरों दीवारें बनीं, जिन्हें मिलाकर चीन की दीवार कहा गया। प्रसिद्धतम दीवारों में से एक २२०-२०६ ई.पू. में चीन के प्रथम सम्राट किन शी हुआंग ने बनवाई थी। उस दीवार के अंश के कुछ ही अवशेष बचे हैं। यह मिंग वंश द्वारा बनवाई हुई वर्तमान दीवार के सुदूर उत्तर में बनी थी। नए चीन की बहुत लम्बी सीमा आक्रमणकारियों के लिए खुली थी इसलिए किन शासको ने दीवार को चीन की बाकी सीमाओं तक फैलाना शुरू कर दिया। इस कार्य के लिए अथम परिश्रम एवं साधनों की आवश्यकता थी। दीवार बनाने की सामग्री को सीमाओं तक ले जाना एक कठिन कार्य था इसलिए मजदूरों ने स्थानीय साधनों का उपयोग करते हुए पर्वतों के निकट पत्थर की एवं मैदानों के निकट मिटटी एवं कंकड़ की दीवार का निर्माण किया। कालांतर में विभिन्न साम्राज्य जैसे हान, सुई, उत्तरी एवं जिन्होंने दीवार की समय समय पर मरम्मत करवाई और आवश्यकतानुसार दीवार को विभिन्न दिशाओं मे फैलाया। आज यह दीवार विश्व में चीन का नाम ऊंचा करती है, व युनेस्को द्वारा १९८७ से विश्व धरोहर घोषित है।
पहले ये बताया जाता था की चीन की दीवार दुनिया कि एक मात्र एेसी मानव निर्मित वस्तु है जो अंतरिक्ष से दिखाई देती है.

मिस्र के पिरामिड

लेकिन पिछले साल space में गए चीन के पहले यात्री ने यह कहकर पूरे देश में निराशा फैला दी कि उसे ऊपर से दीवार नहीं दिखी थी.

एक सरकारी newspaper  ने उस निराशा को अब जाकर दूर किया है एक चीनी मूल के अमरीकी अंतरिक्ष यात्री द्वारा खींची तस्वीरें छापकर.

चाइना डेली अख़बार ने लीरॉय चियाओ की तस्वीरों का प्रकाशन किया है जो कि आम फ़ोटो उपकरणों के ज़रिए ली गई हैं.

चियाओ इस समय अंतरराष्ट्रीय space स्टेशन में हैं.

क़रीब 360 किलोमीटर ऊपर से ली गई तस्वीर की एक प्रमुख चीनी विशेषज्ञ ने सही क़रार दिया है.

हालाँकि चियाओ ख़ुद इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि उन्होंने सचमुच में महान दीवार की तस्वीर उतारी है.

लीरॉय चियाओ ने कहा है कि वह चीन के ऊपर से गुजरते वक़्त फिर से तस्वीर उतारने की कोशिश करेगा.

इसके लिए उसे बहुत तेज़ी दिखानी होगी क्योंकि वह आठ किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ़्तार से गुजर रहा होगा.

क्राइस्ट द रिडीमर (प्रतिमा)

महान दीवार को लेकर चीनी गर्व का भाव वैसे भी थोड़ा कम हुआ होगा क्योंकि मिस्र के पिरामिड और कई हवाई अड्डों को भी अंतरिक्ष से देखे जाने की बात सामने आई है.




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Monday, February 29, 2016

uttarakhand g.k hindi me


1.     उत्तराखण्ड का गठन कब हुआ?
उत्तर- ९ नवम्बर २०००.

2.     उत्तराखण्ड की राजधानी कहा हैं ?
उत्तर- देहरादून.

3.     उत्तराखण्ड  का उच्च न्यायालय कहा स्थित हैं?
उत्तर- नैनीताल.

4.     कुल जनपदो की संख्या कितनी हैं?
उत्तर- १३.

5.     उत्तराखण्ड का राजकीय पशु कौन है.
उत्तर- कस्तूरी मृग.

Friday, February 26, 2016

क्राइस्ट द रिडीमर (प्रतिमा)

क्राइस्ट द रिडीमर

क्राइस्ट द रिडीमर (पुर्तगाली : Cristo Redentor) ब्राज़ील के रियो डी जेनेरो में स्थापित ईसा मसीह की एक प्रतिमा है जिसे दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आर्ट डेको स्टैच्यू माना जाता है। यह प्रतिमा अपने 9.5 मीटर (31 फीट) आधार सहित 39.6 मीटर (130 फ़ुट) लंबी और (30 मीटर (98 फ़ुट) चौड़ी है। इसका वजन 635 टन (700 शॉर्ट टन) है और तिजुका फोरेस्ट नेशनल पार्क में कोर्कोवाडो पर्वत की चोटी पर स्थित है 700 मीटर (2,300 फ़ुट) जहाँ से पूरा शहर दिखाई पड़ता है। यह दुनिया में अपनी तरह की सबसे ऊँची मूर्तियों में से एक है (बोलीविया के कोचाबम्बा में स्थित क्राइस्टो डी ला कोनकोर्डिया की प्रतिमा इससे थोड़ी अधिक ऊँची है)। ईसाई धर्म के एक प्रतीक के रूप में यह प्रतिमा रियो और ब्राजील की एक पहचान बन गयी है। यह मजबूत कांक्रीट और सोपस्टोन से बनी है, इसका निर्माण 1922 और 1931 के बीच किया गया था।

Thursday, February 25, 2016

kumaun क्षेत्र ke pramukh किले




खगमरा किला - राजा भीष्मचन्द ने अल्मोड़ा के पूर्व में स्थित इस किले का निर्माण कराया था.

लालमण्डी किला- अल्मोड़ा के पल्टन बाजार स्थित छावनी के भीतर इस किले को राजा कल्याणचन्द ने १५६७ई. में बनवाया था. इसे फोर्ट मोयरा भी कहा जाता है.

सिरमोही किला- तहसील लोहाघाट में स्थित ग्राम सिरमोही में यह प्राचीन किला है.

राजबुंगा किला - चम्पावत में स्थित इस किले को चन्दवंशीय राजा सोमचन्द ने बनवाया था.

नैथड़ा किली- यह अल्मोड़ा जनपद के रामनगर गनाई मार्ग पर स्थित है इसे गोरखाकालीन माना जाता है.


मल्ला महल किला- अल्मोड़ा नगर के ठीक मध्य में स्थित इस किले में वर्तमान में कचहरी जिलाधीश कार्यालय व अन्य कई सरकारी दफ्तर हैं इसे भी चन्दवंशीय राजा कल्याणचन्द ने बनवाया था.

Monday, February 22, 2016

मिस्र के पिरामिड

                       मिस्र के पिरामिड
गीज़ा, मिस्र के एक पिरामिड समूह का दृश्य
मिस्र के पिरामिड वहां के तत्कालीन फैरो (सम्राट) गणों के लिए बनाए गए स्मारक स्थल हैं, जिनमें राजाओं के शवों को दफनाकर सुरक्षित रखा गया है। इन शवों को ममी कहा जाता है। उनके शवों के साथ खाद्यान, पेय पदार्थ, वस्त्र, गहनें, बर्तन, वाद्य यंत्र, हथियार, जानवर एवं कभी-कभी तो सेवक सेविकाओं को भी दफना दिया जाता था।

Tuesday, February 16, 2016

अगर इंसान की प्रजाति ख़त्म हो जाए तो..

आपने वो फ़िल्में तो देखी होंगी, जिसमें दुनिया के ख़त्म हो जाने का ख़ौफ़ दिखाया जाता है. जैसे, 2012 या आर्मागेडॉन.
इंसानियत की तबाही का मंज़र बयां करती ये फ़िल्में अक्सर एक बड़ा सवाल छोड़ जाती हैं कि अगर हक़ीक़त में कहीं ऐसा हुआ तो इंसान की प्रजाति कैसे बचेगी. मानवता को फिर से ज़िंदा कैसे किया जाएगा?

Monday, January 25, 2016

आखिर क्या है password?

पासवर्ड? ये क्या होता है? हो सकता है कुछ दिनों में लोग यह सवाल करने लगें.
अगर गूगल की कोशिश सफल हो गई, तो आपके स्मार्टफ़ोन पर किसी भी पासवर्ड की ज़रूरत नहीं होगी.
आपकी टाइपिंग की आदतें, लोकेशन, आवाज़ और चेहरे को देखकर स्मार्टफ़ोन आपको पहचानेगा और इसीलिए स्मार्टफ़ोन पर आपको पासवर्ड देने की ज़रूरत नहीं होगी.

यह जानकारी और ऐसी दूसरी जानकारी इकट्ठी करके गूगल हर स्मार्टफ़ोन इस्तेमाल करने वालों के लिए एक ट्रस्ट स्कोर तैयार करेगा. यह ट्रस्ट स्कोर अगर एक संख्या से ऊपर हो तो लॉग इन में कोई दिक़्क़त नहीं होगी.
दुनिया भर में आजकल टू फ़ैक्टर ऑथेंटिकेशन पासवर्ड के रूप में पसंद किया जा रहा है. किसी भी वेबसाइट पर लॉग इन करने पर आपके मोबाइल पर एक पासवर्ड आता है.
आपको इसे वेबसाइट पर डालना होता है. उसके बाद ही आपका लॉग इन सफल होता है. लेकिन पासवर्ड के ख़त्म होने से यह झंझट ही समाप्त हो जाएगा.
कई देशों में बैंक इसे अपना रहे हैं क्योंकि इस सिस्टम को हैक करना संभव नहीं है.

इंगाडेट की इस रिपोर्ट के अनुसार ऐसा करना इसीलिए ज़रूरी हो गया है क्योंकि अब काफ़ी ज़्यादा ऐप और वेबसाइट आपके बारे में जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं और इस पर लगाम लगाना मुश्किल हो गया है.
गूगल की कोशिश है कि यह जानकारी जो हर जगह जा रही है, उस पर थोड़ी रोक लग जाए.
लेकिन इसका मतलब यह भी होगा कि गूगल आपके बारे में हर समय, हर जानकारी रखेगा. हो सकता है यह बात कुछ लोगों को पसंद न आए.