Wednesday, December 30, 2015

ग्रहों को निगल रहा है ब्लैक होल धनु-ए

धरती से 26,000 प्रकाश वर्ष दूर एक विशाल ब्लैक होल एक एक कर ग्रहों, तारों और पिंडो को निगल रहा है. ब्लैक होल हमारी आकाश गंगा के केंद्र में है. वैज्ञानिकों के मुताबिक ब्लैक होल सूर्य से चार लाख गुना बड़ा है.


Monday, December 21, 2015

बरमूडा ट्राइएंगल में गायब हुए हैं हजारों लोग और कई हवाई जहाज; चौंकाने वाले तथ्य

बरमूडा त्रिकोण (ट्राइएंगल) आधुनिक युग का एक बड़ा अनसुलझा रहस्य है। इसे दानवी त्रिकोण (डेविल्‍स ट्राइएंगल) भी कहा जाता है। यह त्रिकोणीय रहस्यमयी जलक्षेत्र बरमूडा द्वीप से मियामी, संयुक्त राज्य अमेरिका और पर्टो रीको तक उत्तरी अटलांटिक महासागर में स्थित है। इस क्षेत्र में अब तक हज़ारों लोग, कई विमान और जहाज़, संदिग्ध रूप से लापता हुए हैं। सैकड़ों सालों से यह त्रिकोणीय क्षेत्र वैज्ञानिकों, खोजकर्ताओं और इतिहासकारों के लिए भी रहस्य का केंद्र बना हुआ है। हम यहां आज आपको बताने जा रहे हैं रहस्यमयी बरमूडा ट्राइएंगल से जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में जिनसे आप शायद ही परिचित हो।

1. विशाल क्षेत्र में फैला है बरमूडा ट्राइएंगल

बरमूडा ट्राइएंगल करीब 440,000 मील तक के समुद्री क्षेत्र में फैला हुआ है। राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के क्षेत्रों को मिला दे तो भी इसकी तुलना में यह क्षेत्र अधिक विस्तृत होगा।

2. त्रिकोणीय क्षेत्र के बहार भी पड़ता है प्रभाव

यह त्रिकोण निश्चित रूप से एक ही जगह स्थिर नहीं है। इसका प्रभाव त्रिकोण क्षेत्र के बाहर भी महसूस किया जा सकता है।



3. UFO और एलियन गतिविधियों से भी जोड़े जाते हैं घटनाओं के तार

कुछ लोग यहां हो रही रहस्यमय घटनाओं के पीछे UFO और एलियन गतिविधियों को ज़िम्मेदार मानते हैं। कहा यह तक जाता है कि बरमूडा ट्राइएंगल धरती से हज़ारों किलोमीटर दूर बसे हुए एलियनों का एक पोर्टल है। यह भी माना जाता है कि इस क्षेत्र में टाइम जोन पर रिसर्च के लिए अमेरिका की एक बहुत बड़ी गोपनीय प्रयोगशाला है, जहां एलियन से जुड़ी रिसर्च की जाती हैं।



4. सैकड़ों विमान और जहाज़ हुए हैं लापता, गई है हज़ारों जानें

बीते 100 सालों में यहां हज़ारों लोगों की जान गई है। एक आंकड़े में यह तथ्य सामने आया है कि यहां हर साल औसतन 4 हवाई जहाज़ और 20 समुद्री जहाज़ रहस्यमयी तरीके से गायब होते हैं।




5. 1945 में अमेरिका के कई बमवर्षक विमान हुए बरमूडा ट्राइएंगल में गायब

1945 में अमेरिका के पांच टारपीडो बमवर्षक विमानों के दस्ते ने 14 लोगों के साथ फोर्ट लोडअरडेल से इस त्रिकोणीय क्षेत्र के ऊपर से उड़ान भरी थी। यात्रा के लगभग 90 मिनट बाद रेडियो ऑपरेटरों को सिग्नल मिला कि कम्पास काम नहीं कर रहा है। उसके तुरंत बाद संपर्क टूट गया और उन विमानों में मौजूद लोग कभी वापस नहीं लौटे। उनके बचाव कार्य में गए तीन विमानों का भी कोई नामों-निशान नहीं मिला। शोधकर्ताओं का मानना है कि यहां समुद्र के इस भाग में एक शक्तिशाली चुम्बकीय क्षेत्र होने के कारण जहाज़ों में लगे उपकरण काम करना बंद कर देते हैं। जिस कारण जहाज़ रास्ता भटक जाते हैं और दुर्घटना का शिकार हो जाते हैंं।




6. कोलंबस का हुआ था सामना बरमूडा ट्राइएंगल से

बरमूडा ट्राइएंगल के बारे में सबसे पहले सूचना देने वाले क्रिस्टोफर कोलंबस ही थे। कोलंबस ही वह पहले शख्स थे जिनका सामना बरमूडा ट्राइएंगल से हुआ था। उन्होंने अपनी पत्रिकाओं में इस त्रिकोण में होने वाली गतिविधियों का ज़िक्र करते हुए लिखा है कि जैसे ही वह बरमूडा त्रिकोण के पास पहुंचे, उनके कम्पास (दिशा बताने वाला यंत्र) ने काम करना बंद कर दिया। इसके बाद क्रिस्टोफर कोलंबस को आसमान में एक रहस्यमयी आग का गोला दिखाई दिया, जो सीधा जाकर समुद्र में गिर गया


7. गल्फ स्ट्रीम हो सकती है दुर्घटनाओं की एक वजह

जब भी यहां कोई जहाज़ या विमान अदृश्य होता है, उसका मलबा नहीं मिलता। इसका एक कारण इस क्षेत्र में चलने वाली शक्तिशाली गल्फ स्ट्रीम भी हो सकती हैं। यह गल्फ स्ट्रीम मैक्सिको की खाड़ी से निकलकर फ्लोरिडा के जलडमरू से उत्तरी अटलांटिक तक जाती हैं, जो अपने साथ सारा मलबा उठा ले जाती है। यह गल्फ स्ट्रीम असल में समुद्र के अंदर नदी की तरह होती हैं। इसके तेज़ बहाव में जहाजों के डूबने की संभावना रहती है।




8. इलेक्ट्रॉनिक फॉग जिसे माना जाता है टाइम जोन का एक छोर

लोगों ने इस त्रिकोणीय क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक फॉग का अनुभव किया है। इलेक्ट्रॉनिक फॉग यानी कि बादल और समुद्र के बीच उठने वाला बबंडर।  इस इलेक्ट्रॉनिक फॉग को कुछ जानकार एक टाइम जोन से दूसरे में जाने का ज़रिया भी मानते हैं। पायलट ब्रूस गेर्नों के अनुसार वो 28 मिनट तक यहां बादलों रूपी सुरंग में गायब होने के स्थिति में रहे। उनका विमान रडार से गायब था। उनसे कोई रडार भी संपर्क नहीं कर पा रहा था। फिर कुछ देर बाद वह मियामी बीच के पास पहुंचकर स्थिर हुए।



9. समुद्र तल में भारी मात्रा में मीथेन गैस भी हो सकती है दुर्घटनाओं का कारण

अमेरिकी भौ‍गोलिक सवेक्षण के अनुसार बरमूडा की समुद्र तलहटी में ‘मीथेन हाइड्रेट’ नामक रसायन का विशाल भंडार मौजूद है। समुद्र में बनने वाला यह हाइड्राइट जब अचानक ही फटता है, तो अपने आसपास की सभी चीज़ों को चपेट में ले सकता है। ऐसे में कई वैज्ञानिकों का मानना है कि जब भी यह हाइड्रेट फटता है, तो इससे उठने वाले बुलबुले पानी के घनत्व में कमी लाकर जहाज़ को डुबो देने की क्षमता रखतेहै

10. डेंजर जोन घोषित

जब दो साल में 700 से भी ज्यादा नाविकों की मौत हो गई तो इस त्रिकोणीय क्षेत्र को 1950 में डेंजर जोन घोषित कर दिया गया।


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श्रीनिवास रामानुजन्


जन्म-   22 दिसम्बर, 1887
इरोड, तमिल नाडु

श्रीनिवास रामानुजन् इयंगर (तमिल ஸ்ரீனிவாஸ ராமானுஜன் ஐயங்கார்) (22 दिसम्बर 1887 – 26 अप्रैल 1920) एक महान भारतीय गणितज्ञ थे। इन्हें आधुनिक काल के महानतम गणित विचारकों में गिना जाता है। इन्हें गणित में कोई विशेष प्रशिक्षण नहीं मिला, फिर भी इन्होंने विश्लेषण एवं संख्या सिद्धांत के क्षेत्रों में गहन योगदान दिए। इन्होंने अपने प्रतिभा और लगन से न केवल गणित के क्षेत्र में अद्भुत अविष्कार किए वरन भारत को अतुलनीय गौरव भी प्रदान किया।

Wednesday, December 16, 2015

बाजीराव-मस्तानी की 300 साल पुरानी प्रेम कहानी

बाजीराव महज़ 20 साल की उम्र में, अपने साम्राज्य के पेशवा के रूप में नियुक्त कर दिए गए थे। उन्होंने इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और आने वाले 20 सालों में लगभग 41 से भी अधिक युद्ध लड़े। उनके बारे में   प्रचलित है कि इन युद्धों में से एक भी युद्ध में वह पराजित नहीं हुए। वह विजय का परचम लहराते हुए आगे बढ़ते रहे।
  हालांकि, इससे भी ज़्यादा दिलचस्प बात मस्तानी के साथ उनकी प्रेम कहानी है। बाजीराव और मस्तानी की प्रेम कहानी इतिहास की दिलचस्प प्रेम कहानियों में एक है।

Sunday, December 13, 2015

परमाणु जिससे बना है पूरा universe

एक परमाणु किसी भी साधारण से पदार्थ की सबसे छोटी घटक इकाई है जिसमे एक रासायनिक तत्व के गुण होते हैं।  हर ठोस, तरल, गैस, और प्लाज्मा तटस्थ या आयनन परमाणुओं से बना है। परमाणुओं बहुत छोटे हैं; विशिष्ट आकार लगभग 100 pm (एक मीटर का एक दस अरबवें) हैं। हालांकि, परमाणुओं में अच्छी तरह परिभाषित सीमा नहीं होते है, और उनके आकार को परिभाषित करने के लिए अलग अलग तरीके होते हैं जोकि अलग लेकिन काफी करीब मूल्य देते हैं।

Wednesday, December 9, 2015

दिल्ली india ki राज्यधानी

         
भारत का एक केंद्र-शासित प्रदेश और महानगर है। इसमें नई दिल्ली सम्मिलित है जो भारत की राजधानी है। दिल्ली राजधानी होने के नाते केंद्र सरकार की तीनों ईकाइयों - कार्यापालिका, संसद और न्यायपालिका के मुख्यालय नई दिल्ली और दिल्ली में स्थापित हैं १४८३