Wednesday, December 30, 2015

ग्रहों को निगल रहा है ब्लैक होल धनु-ए

धरती से 26,000 प्रकाश वर्ष दूर एक विशाल ब्लैक होल एक एक कर ग्रहों, तारों और पिंडो को निगल रहा है. ब्लैक होल हमारी आकाश गंगा के केंद्र में है. वैज्ञानिकों के मुताबिक ब्लैक होल सूर्य से चार लाख गुना बड़ा है.


Monday, December 21, 2015

बरमूडा ट्राइएंगल में गायब हुए हैं हजारों लोग और कई हवाई जहाज; चौंकाने वाले तथ्य

बरमूडा त्रिकोण (ट्राइएंगल) आधुनिक युग का एक बड़ा अनसुलझा रहस्य है। इसे दानवी त्रिकोण (डेविल्‍स ट्राइएंगल) भी कहा जाता है। यह त्रिकोणीय रहस्यमयी जलक्षेत्र बरमूडा द्वीप से मियामी, संयुक्त राज्य अमेरिका और पर्टो रीको तक उत्तरी अटलांटिक महासागर में स्थित है। इस क्षेत्र में अब तक हज़ारों लोग, कई विमान और जहाज़, संदिग्ध रूप से लापता हुए हैं। सैकड़ों सालों से यह त्रिकोणीय क्षेत्र वैज्ञानिकों, खोजकर्ताओं और इतिहासकारों के लिए भी रहस्य का केंद्र बना हुआ है। हम यहां आज आपको बताने जा रहे हैं रहस्यमयी बरमूडा ट्राइएंगल से जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में जिनसे आप शायद ही परिचित हो।

1. विशाल क्षेत्र में फैला है बरमूडा ट्राइएंगल

बरमूडा ट्राइएंगल करीब 440,000 मील तक के समुद्री क्षेत्र में फैला हुआ है। राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के क्षेत्रों को मिला दे तो भी इसकी तुलना में यह क्षेत्र अधिक विस्तृत होगा।

2. त्रिकोणीय क्षेत्र के बहार भी पड़ता है प्रभाव

यह त्रिकोण निश्चित रूप से एक ही जगह स्थिर नहीं है। इसका प्रभाव त्रिकोण क्षेत्र के बाहर भी महसूस किया जा सकता है।



3. UFO और एलियन गतिविधियों से भी जोड़े जाते हैं घटनाओं के तार

कुछ लोग यहां हो रही रहस्यमय घटनाओं के पीछे UFO और एलियन गतिविधियों को ज़िम्मेदार मानते हैं। कहा यह तक जाता है कि बरमूडा ट्राइएंगल धरती से हज़ारों किलोमीटर दूर बसे हुए एलियनों का एक पोर्टल है। यह भी माना जाता है कि इस क्षेत्र में टाइम जोन पर रिसर्च के लिए अमेरिका की एक बहुत बड़ी गोपनीय प्रयोगशाला है, जहां एलियन से जुड़ी रिसर्च की जाती हैं।



4. सैकड़ों विमान और जहाज़ हुए हैं लापता, गई है हज़ारों जानें

बीते 100 सालों में यहां हज़ारों लोगों की जान गई है। एक आंकड़े में यह तथ्य सामने आया है कि यहां हर साल औसतन 4 हवाई जहाज़ और 20 समुद्री जहाज़ रहस्यमयी तरीके से गायब होते हैं।




5. 1945 में अमेरिका के कई बमवर्षक विमान हुए बरमूडा ट्राइएंगल में गायब

1945 में अमेरिका के पांच टारपीडो बमवर्षक विमानों के दस्ते ने 14 लोगों के साथ फोर्ट लोडअरडेल से इस त्रिकोणीय क्षेत्र के ऊपर से उड़ान भरी थी। यात्रा के लगभग 90 मिनट बाद रेडियो ऑपरेटरों को सिग्नल मिला कि कम्पास काम नहीं कर रहा है। उसके तुरंत बाद संपर्क टूट गया और उन विमानों में मौजूद लोग कभी वापस नहीं लौटे। उनके बचाव कार्य में गए तीन विमानों का भी कोई नामों-निशान नहीं मिला। शोधकर्ताओं का मानना है कि यहां समुद्र के इस भाग में एक शक्तिशाली चुम्बकीय क्षेत्र होने के कारण जहाज़ों में लगे उपकरण काम करना बंद कर देते हैं। जिस कारण जहाज़ रास्ता भटक जाते हैं और दुर्घटना का शिकार हो जाते हैंं।




6. कोलंबस का हुआ था सामना बरमूडा ट्राइएंगल से

बरमूडा ट्राइएंगल के बारे में सबसे पहले सूचना देने वाले क्रिस्टोफर कोलंबस ही थे। कोलंबस ही वह पहले शख्स थे जिनका सामना बरमूडा ट्राइएंगल से हुआ था। उन्होंने अपनी पत्रिकाओं में इस त्रिकोण में होने वाली गतिविधियों का ज़िक्र करते हुए लिखा है कि जैसे ही वह बरमूडा त्रिकोण के पास पहुंचे, उनके कम्पास (दिशा बताने वाला यंत्र) ने काम करना बंद कर दिया। इसके बाद क्रिस्टोफर कोलंबस को आसमान में एक रहस्यमयी आग का गोला दिखाई दिया, जो सीधा जाकर समुद्र में गिर गया


7. गल्फ स्ट्रीम हो सकती है दुर्घटनाओं की एक वजह

जब भी यहां कोई जहाज़ या विमान अदृश्य होता है, उसका मलबा नहीं मिलता। इसका एक कारण इस क्षेत्र में चलने वाली शक्तिशाली गल्फ स्ट्रीम भी हो सकती हैं। यह गल्फ स्ट्रीम मैक्सिको की खाड़ी से निकलकर फ्लोरिडा के जलडमरू से उत्तरी अटलांटिक तक जाती हैं, जो अपने साथ सारा मलबा उठा ले जाती है। यह गल्फ स्ट्रीम असल में समुद्र के अंदर नदी की तरह होती हैं। इसके तेज़ बहाव में जहाजों के डूबने की संभावना रहती है।




8. इलेक्ट्रॉनिक फॉग जिसे माना जाता है टाइम जोन का एक छोर

लोगों ने इस त्रिकोणीय क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक फॉग का अनुभव किया है। इलेक्ट्रॉनिक फॉग यानी कि बादल और समुद्र के बीच उठने वाला बबंडर।  इस इलेक्ट्रॉनिक फॉग को कुछ जानकार एक टाइम जोन से दूसरे में जाने का ज़रिया भी मानते हैं। पायलट ब्रूस गेर्नों के अनुसार वो 28 मिनट तक यहां बादलों रूपी सुरंग में गायब होने के स्थिति में रहे। उनका विमान रडार से गायब था। उनसे कोई रडार भी संपर्क नहीं कर पा रहा था। फिर कुछ देर बाद वह मियामी बीच के पास पहुंचकर स्थिर हुए।



9. समुद्र तल में भारी मात्रा में मीथेन गैस भी हो सकती है दुर्घटनाओं का कारण

अमेरिकी भौ‍गोलिक सवेक्षण के अनुसार बरमूडा की समुद्र तलहटी में ‘मीथेन हाइड्रेट’ नामक रसायन का विशाल भंडार मौजूद है। समुद्र में बनने वाला यह हाइड्राइट जब अचानक ही फटता है, तो अपने आसपास की सभी चीज़ों को चपेट में ले सकता है। ऐसे में कई वैज्ञानिकों का मानना है कि जब भी यह हाइड्रेट फटता है, तो इससे उठने वाले बुलबुले पानी के घनत्व में कमी लाकर जहाज़ को डुबो देने की क्षमता रखतेहै

10. डेंजर जोन घोषित

जब दो साल में 700 से भी ज्यादा नाविकों की मौत हो गई तो इस त्रिकोणीय क्षेत्र को 1950 में डेंजर जोन घोषित कर दिया गया।


नोट-  आप को ये जानकारी कैसी लगी कमेन्ट बॉक्स मे अवश्य लिए. और अपने दोस्तो को share करें| इस ब्लोग की नई पोस्ट की जानकरी प्राप्त करने के लिए अपना ई मेल जरूर लिखे .और गुगल प्लस पर अनुसरण करे.     धन्यवाद

श्रीनिवास रामानुजन्


जन्म-   22 दिसम्बर, 1887
इरोड, तमिल नाडु

श्रीनिवास रामानुजन् इयंगर (तमिल ஸ்ரீனிவாஸ ராமானுஜன் ஐயங்கார்) (22 दिसम्बर 1887 – 26 अप्रैल 1920) एक महान भारतीय गणितज्ञ थे। इन्हें आधुनिक काल के महानतम गणित विचारकों में गिना जाता है। इन्हें गणित में कोई विशेष प्रशिक्षण नहीं मिला, फिर भी इन्होंने विश्लेषण एवं संख्या सिद्धांत के क्षेत्रों में गहन योगदान दिए। इन्होंने अपने प्रतिभा और लगन से न केवल गणित के क्षेत्र में अद्भुत अविष्कार किए वरन भारत को अतुलनीय गौरव भी प्रदान किया।

Wednesday, December 16, 2015

बाजीराव-मस्तानी की 300 साल पुरानी प्रेम कहानी

बाजीराव महज़ 20 साल की उम्र में, अपने साम्राज्य के पेशवा के रूप में नियुक्त कर दिए गए थे। उन्होंने इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और आने वाले 20 सालों में लगभग 41 से भी अधिक युद्ध लड़े। उनके बारे में   प्रचलित है कि इन युद्धों में से एक भी युद्ध में वह पराजित नहीं हुए। वह विजय का परचम लहराते हुए आगे बढ़ते रहे।
  हालांकि, इससे भी ज़्यादा दिलचस्प बात मस्तानी के साथ उनकी प्रेम कहानी है। बाजीराव और मस्तानी की प्रेम कहानी इतिहास की दिलचस्प प्रेम कहानियों में एक है।

Sunday, December 13, 2015

परमाणु जिससे बना है पूरा universe

एक परमाणु किसी भी साधारण से पदार्थ की सबसे छोटी घटक इकाई है जिसमे एक रासायनिक तत्व के गुण होते हैं।  हर ठोस, तरल, गैस, और प्लाज्मा तटस्थ या आयनन परमाणुओं से बना है। परमाणुओं बहुत छोटे हैं; विशिष्ट आकार लगभग 100 pm (एक मीटर का एक दस अरबवें) हैं। हालांकि, परमाणुओं में अच्छी तरह परिभाषित सीमा नहीं होते है, और उनके आकार को परिभाषित करने के लिए अलग अलग तरीके होते हैं जोकि अलग लेकिन काफी करीब मूल्य देते हैं।

Wednesday, December 9, 2015

दिल्ली india ki राज्यधानी

         
भारत का एक केंद्र-शासित प्रदेश और महानगर है। इसमें नई दिल्ली सम्मिलित है जो भारत की राजधानी है। दिल्ली राजधानी होने के नाते केंद्र सरकार की तीनों ईकाइयों - कार्यापालिका, संसद और न्यायपालिका के मुख्यालय नई दिल्ली और दिल्ली में स्थापित हैं १४८३

Monday, November 30, 2015

भारत का भूगोल

1- क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का विश्व में कौन-सा स्थान है— सातवाँ
2- जनसंख्या की दृष्टि से भारत का विश्व में कौन-सा स्थान है— दूसरा
3- भारत के उत्तर में कौन-कौन-से देश हैं— चीन, नेपाल, भूटान

Saturday, November 7, 2015

कुमाँउनी गीत

uttrakhand song (कुँमाऊनी गीत)

  1. मेरी द्ल चुरेगें  | Kumaoni New 2014 Song | Lalit Mohan Joshi                                             download                                                        
  2. हीट संगीता new kumaoni song lalit mohan joshi                                                                         download                                                  
  3. नानी नानी सीमा kumaoni song lalit mohan joshi                                                                         HD video download                                      

Wednesday, November 4, 2015

अमरता एक चाहत इंसान की



अमरता का रहस्य जल्द खुल सकता है। कैम्ब्रिज स्थित वैज्ञानिक ऑब्रे दे ग्रे का मानना है कि धरती पर ऐसा व्यक्ति जन्म ले चुका है, जिसको कभी मौत नहीं आएगी। ग्रे के मुताबिक, बुढ़ापा एक बीमारी है और इसे ठीक किया जा सकता है।

बीते हफ्ते वेबसाइट 'मदरबोर्ड' को दिए इंटरव्यू में वैज्ञानिक ग्रे ने कहा कि वे अमरता जैसे शब्दों को पसंद नहीं करते। लेकिन उनका विश्वास है कि ऐसा समय जल्द आएगा, जब व्यक्ति बुढ़ापे से मुक्ति पा लेगा।

उनसे जब पूछा गया कि क्या ऐसा व्यक्ति है, जो बुढ़ापा में होने वाले खराब स्वास्थ्य पर हमेशा के लिए विजय पा लेगा? इस पर ग्रे ने कहा कि इसकी संभावना बहुत अधिक है, शायद 80 फीसदी।

कैलिफॉर्निया स्थित स्ट्रैटजी फॉर इंजीनियर्ड नेग्लिजिबल सिनेसेंस (एसईएनएस) रिसर्च फाउंडेशन के को-फाउंडर ग्रे ने कहा कि अमरत्व का मतलब होता है किसी भी बीमारी से पूरी तरह सुरक्षा। इसके कारण किसी भी व्यक्ति की बढ़ती उम्र का उसके स्वास्थ्य पर असर नहीं पड़ता है और वह मौत की वजहों को दरकिनार करता रहता है।

उन्होंने कहा कि ऐसा कोई बड़ा परिवर्तन नहीं आएगा, जिसके कारण मानव हमेशा के लिए अमर हो जाएगा। लेकिन हो सकता है कि वह अपनी उम्र बढ़ा ले। शायद 30 साल या उससे भी ज्यादा। हालांकि, अभी इस पर कुछ कहना जल्दबाजी होगी, वैज्ञानिक इस पर खोज कर रहे हैं।

हम आने वाले समय इस समस्या पर विजय पा लेंगे और हम व्यक्ति को जितने लंबे समय तक चाहें उसकी उम्र बरकरार रख सकेंगे। ग्रे की थ्योरी एक विचार पर आधारित है, जिसमें इलाज के जरिए जीने की गति बढ़ा सकते हैं। संभवत: जीने की ये गति हमारी उम्र से मेल खाती है। ग्रे ने बताया कि हर दशक जीने की उम्र दो साल की दर से बढ़ रही है। लेकिन आने वाले समय में यह हर साल एक साल और बढ़ जाएगी।

नयी खोज का प्रमाणिक विवरण तो यहाँ है मगर साईब्लाग के पाठकों के लिए एक बानगी  प्रस्तुत है ....धरती को तो मृत्युलोक ही कहते हैं अर्थात जो यहाँ आया है उसका जाना तय है ....जातस्य हि ध्रुवो मृत्यु:...मगर मनुष्य ने कब कहाँ हार मानी है ..वह अमरता का मन्त्र ढूँढने में लगा रहा है ...अब उसकी खोज उसे एक समुद्री जीव की ओर  ले गया है जो तकनीकी दृष्टि से कभी नहीं मरता ...घोर विपरीत परिस्थितियों के उत्पन्न होने पर वह फिर से जवान और बच्चा होने के उलटे चक्र की ओर चल पड़ता है ....यह है अपनी जानी पहचानी जेली फिश जिसे अगर कोई शिकारी उदरस्थ न कर ले या फिर यह दुर्घटना वश या बीमारियों के चपेट में जान गँवा न बैठे तो यह अमर है ....इस प्रजाति का नाम है ट्यूरीटोप्सिस  न्यूट्रीकुला(Turritopsis nutricula )  जिसे इम्मार्टल जेलीफिश भी कहते हैं ....यह प्रजाति जवान होने पर यानी अपने जीवन काल के मेड्यूसा अवस्था से फिर अपने बाल्यकाल अर्थात पालिप अवस्था को लौट चलने की अद्भुत बेमिसाल  क्षमता रखती है ....

वैज्ञानिकों की बोली भाषा में जेली फिश जो प्राणी समुदाय के मेटाज़ोआ श्रेणी की नुमाईंदगी करती है में रिवर्स एजिंग यानी जीवन के उलटे चक्र की इस विशेषता को ट्रांसडिफरेंसियेशन  कहा जाता है . इस प्रक्रिया के तहत पहले इस जीव की छतरी सिमट जाती है फिर सम्वेदिकाएं और फिर अन्य शारीरिक अवयव/पदार्थ  (मीसोग्लिया ) शोषित हो उठते हैं ...और अब छतरी के विपरीत सिरे से यह किसी सतह पर चिपक कर फिर नए शिशु जेलीफिश -"पालिप"  का अलैंगिक उत्पादन शुरू कर देती है -और यह पूरी प्रक्रिया जैवीय अमरता की  एक अद्भुत मिसाल पेश करती है ....अब वैज्ञानिक कोशिका स्तर पर ट्रांसडिफरेंसियेशन प्रक्रिया को जानने समझने में जुट गए हैं और अगर इस प्रक्रिया का दुहराव अन्य प्राणियों या मनुष्य की कोशिकाओं में किया जाना संभव हो जाय तो फिर क्या अमरता की हमारी चिर कामना पूरी नहीं  हो जायेगी? ...हालांकि अमरता की अपनी मुसीबतें भी हैं .....यह धरती बिना प्राणत्याग के कितने मनुजों की भार ढोती रहेगी ..संसाधन कहाँ से आयेगें? और जब अभी सौ वर्ष का ही जीवन अनेक रोगों ,कष्ट से व्याप्त है तो अमर जीवन क्या नरक तुल्य नहीं हो जाएगा .....? 

Tuesday, November 3, 2015

कुमाँऊ uttarakhand का गढ़

कुमाँऊ शब्द की उत्पत्ति कुर्मांचल से हुई है जिसका मतलब है कुर्मावतार (भगवान विष्णु का कछुआ रूपी अवतार) की धरती। कुमाँऊ मध्य हिमालय में स्थित है, इसके उत्तर में हिमालय, पूर्व में काली नदी, पश्चिम में गढ‌वाल और दक्षिण

Monday, November 2, 2015

पासवर्ड मैनेजर

     
 जीमेल, याहूमेल, हॉटमेल, फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, फ़्लिकर, लिंक्डइन, ग्लास्सडोर, नौकरी, मॉन्स्टर, ड्रॉपबॉक्स... ऑनलाइन दुनिया में ये तो सिर्फ़ कुछ

Friday, October 30, 2015

airtel मे फ्रि इन्टरनेट कैसे चलाये

इन्टरनेट आधुनिक समय मे संचार का सबसे उत्तम साधन है | आज हर कोई नेट का उपयोग करता है  चाहे वो व्यापार के क्षेत्र मे हो फिर मनोरंजन के क्षेत्र मे , दुनिया मे इंटरनेट का उपयोग बढता ही जा रहा हैं

Thursday, October 29, 2015

एडिसन, थॉमस अल्वा

एडिसन विश्व के चोटी के आविष्कारक थे। एक जिज्ञासु और धुनी आविष्कारक, जिन्होनें अपनी युक्तियों को कठोर परिश्रम से साकार रूप दिया। वह बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने हजार से भी ज्यादा आविष्कार किये। बिजली के बल्ब के क्रांतिकारी आविष्कार ने उन्हें रातोंरात प्रसिद्धी के शिखर पर पहुंचा दिया। इसके आलावा एडिसन ने चलचित्र, फोनोग्राफ, टेलीग्राफ, माइक्रोफोन आदि ढेरों वस्तुएं बनाई। शायद इसलिए उन्हें "मेनलो पार्क का जादूगर" कहा गया। आइंस्टीन ने उन्हें ''सर्वकालिक महान आविष्कारक'' माना। सारी दुनिया ने उनकी प्रतिभा का लोहा माना और उन्हें 'जीनियस' कहकर बुलाया।

होमी जहांगीर भाभा

होमी जहांगीर भाभा (30 अक्टूबर, 1909 - 24 जनवरी, 1966) भारत के एक प्रमुख वैज्ञानिक और स्वप्नदृष्टा थे जिन्होंने भारत के परमाणु उर्जा कार्यक्रम की कल्पना की थी। उन्होने मुट्ठी भर वैज्ञानिकों की सहायता से मार्च 1944 में नाभिकीय उर्जा पर अनुसन्धान आरम्भ किया।

ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम


अबुल पाकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम अथवा डॉक्टर ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम (15 अक्टूबर 1931 - 27 जुलाई 2015) जिन्हें मिसाइल मैन और जनता के राष्ट्रपति के नाम से जाना जाता है, भारतीय

Wednesday, October 28, 2015

जगदीश चन्द्र बसु



डॉ॰ (सर) जगदीश चन्द्र बसु (बंगाली: জগদীশ চন্দ্র বসু जॉगोदीश चॉन्द्रो बोशु) (30 नवंबर, 1858 – 23 नवंबर, 1937) भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे जिन्हें भौतिकी, जीवविज्ञान, वनस्पतिविज्ञान तथा पुरातत्व का गहरा ज्ञान था।

स्टीफन हॉकिंग

 स्टीफन हॉकिंग

जन्म   स्टीफन विलियम हॉकिंग 8                     जनवरी 1942 (आयु 73 वर्ष)
                ऑक्सफोर्ड, इंग्लैण्ड
निवास यूनाइटेड किंगडम
राष्ट्रीयता ब्रितानी
क्षेत्र          

Friday, October 23, 2015

Internet की जान कहां बसती है?

          इंटरनेट कभी बंद नहीं होगा। कम से कम हम लोग तो ऐसा ही सोचते हैं। तभी तो जब कोई चीज इंटरनेट पर काफी ज्यादा वायरल हो जाती है चाहे वो किम कर्दाशियां की तस्वीरें हो या फिर द ड्रेस हैशटैग का वायरल होना हो, हम मजाक
में कहते हैं कि ये 'ब्रेकिंग द इंटरनेट' जैसा है।

पृथ्वी की सतह पर फैले 14 अदभुत नजारे


पृथ्वी अदभुत नज़ारों से भरी है। जानें पृथ्वी की सतह पर फैले पानी के 14 दिलकश नजारों के बारे में:-

ग्रैंड प्रिस्मेटिक स्प्रिंग, यूएसए: अमेरिका के यलोस्टोन नेशनल पार्क में स्थित है ये बहुरंगी ग्रैंड प्रिस्मेटिक स्प्रिंग। 90 मीटर में फैला ये स्प्रिंग 50 मीटर गहरा है। यह झरना बेहद गर्म पानी वाला है। इसके रंग लाल से हरे बदलते रहते हैं। मध्य भाग में नजर आता है नीला रंग, उस वक्त पानी का तापमान 87 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है।

Thursday, October 22, 2015

बिना सिम के कैसे एक और फ़ोन नंबर रखें

   

कई बार आप अपना फ़ोन नंबर किसी को देना नहीं चाहते हैं.
चाहे कारण कोई भी हो, ऐसा भी होता है कि कुछ दिनों के बाद आप अपना नंबर बदलना चाहते हों.
अगर आप कुछ दिनों तक छुट्टी पर हैं और उस दौरान एक नया नंबर चाहते हैं तो ऐसा करना बहुत आसान है.
मूल बात ये है कि अगर आपके पास एक मोबाइल फ़ोन नंबर है और आप दूसरा नंबर चाहते हैं तो उसके लिए भी ऐप की दुनिया ने एक हल निकाल लिया है.
बस 'टेक्स्टमी' नाम का ऐप डाउनलोड करके इस्तेमाल कीजिए और आप किसी को कॉल या मैसेज कर सकते हैं बिना उन्हें अपना असली नंबर बताए हुए.

ये अलग-अलग नंबर आप अपने 'टेक्स्टमी' अकाउंट से मैनेज कर सकते हैं और अगर किसी नंबर का इस्तेमाल करना बंद हो गया है तो उसके बाद उसे डिलीट भी कर सकते हैं.
जो नंबर आपके नाम होगा, वो यूरोप का, अमरीका के देश का होगा और उस देश के कोड के साथ कॉल रिसीव करने वाले के फ़ोन पर दिखेगा.
लेकिन अगर आपको एक से ज़्यादा नंबर चाहिए तो उसके लिए आपको कम से कम 60 रुपये हर महीने के देने होंगे.
अगर सिर्फ एक नंबर इस्तेमाल करना है तो वो फ्री है. इन नंबरों पर आप जितने चाहे कॉल या एसएमएस कर सकते हैं.
बस शर्त ये है कि आपको कुछ विज्ञापन देखने होंगे.

कुछ देशों में 'स्विच', 'बर्नर' या 'शफ़ल' के नाम से ऐसी सर्विस मौजूद हैं लेकिन तीन करोड़ से भी ज़्यादा डाउनलोड होने के बाद 'टेक्स्टमी' शायद बढ़िया विकल्प है.
अमरीका और यूरोप में ड्यूल सिम वाले स्मार्टफोन नहीं चलते हैं इसलिए ऐसी सुविधा काफी काम की है.
लेकिन भारत में भी, जहां ड्यूल फ़ोन सिम चलते हैं, आप इसका भी इस्तेमाल कर सकते हैं. 
ऐप डाउनलोड करने का link text-me-download

Tuesday, October 20, 2015

youtube से video कैसे download करें

youtube  से  video download करना

दोस्तो आज मे आप के लिए एक बहुत बढीया  ट्रिक लाया हूँ  जो आप के लिए बहुत फायदेमंद होगी | आज कल youtube  बहुत ही लोगप्रिय होता जा रहा है youtube  मे रोजाना 60 घंटे कि video  अपलोड की जाती है. Youtube मे हम video सिर्फ देख सकते है download नही कर सकते . इस लिये मे ऐसी ट्रीक बताने जा रहा हूँ जिससे आप youtube से आसानी से वीडियो डाउनलोड कर सकते हो

(1) इसके लिए आप को सबसे पहले youtube वेव साइट (www.youtube.com) पर जाये
उसके बाद अपनी मन पसंद वीडियो सर्च करे




 (2) फिर वीडीयो पर क्लिक करे . अब आप को जो पेज खुला है

(3) उसका url change करना है url मे www.m.youtube/..... मे (m.) की स्थान पर (ss) लगाना है


(4) अब एक नई वेव साईट खुलेगी savefrom नाम से अब आप को जिस फोरमेट मे वीडियो चाहिये उस पर क्लिक कर डाउनलोड कर  लो और अपनी मनपसंद वीडियो का माजे उठाओ ...

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Monday, October 19, 2015

डॉ॰ सुब्रह्मण्याम चंद्रशेखर

डॉ॰ सुब्रह्मण्याम चंद्रशेखर का जन्म 19 अक्टूबर
1910 को लाहौर (अब पाकिस्तान में) में हुआ
था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा
मद्रास में हुई। 18 वर्ष की आयु में चंद्रशेखर का
पहला शोध पत्र `इंडियन जर्नल आफ फिजिक्स'
में प्रकाशित हुआ।

Sunday, October 18, 2015

online shop

हैले दोस्तो आज कल जैसे ओनलाईन खरीदने का तो फैसन चल गया है. जिसे देखो ओनलाईन खरीदी करने मे लगा है. आज का युग इण्टरनेट जहाँ हर चीज मिलती है. इण्टरनेट पर सोपिंग की बहुत सारी वेवसाईट उपलब्ध है आज मे आप को एेसी वेवसाईट पर ले जाऊगा जिसपे आप आसानी से कुछ भी खरिद सकते हो. चाहे वो इलोक्टोनिक समान हो या कपडे कुछ भी खरीद लो. इस वेवसाईट की माजेदीर बात ये है की इस पर जो समान खरीदोगे वह आप को बहुत ही कम दाम मे मिलेगा जैसे.




यह वेवसाईट है http://m.shopclues.com/ इस जा के मजे करे 
    धन्यवाद